बेटा कद आवैला गांव?

दादो झलग्या

पकड़ी मांची

दादी कूकै

जमग्या आंसू

बूढी काया

फिरै डोलती

आंख फूटगी

कद करवासी

दिन आथण नांव

बेटा कद आवैला गांव.?

आंधी कांई

डाकण ही बा

सागै लेयगी

टेण छपरिया

खींप कूदग्या

दूजी बाखळ

खूंटा पड़ग्या

धूड़ खावता

धूं-तावड़ो, कोनी छांव

बेटा कद आवैला गांव.?

नीरो नीवडयो

भूखा डांगर

रोज डीडावै

ठाण चाटता

काठी सूकी

दूध कठै अब

फिरै रोगला

डगमग ढांडा

सागै निकळी पांव

बेटा कद आवैला गांव?

रोज बटाऊ

चौकी ढूकै

करां चीकणी

रोटी क्याऊं

स्यान राखतां

स्यान आयगी

मरजादा नित

चौड़ै आवै

फूट्या अेक-अेक ठांव

बेटा कद आवैला गांव?

कितरी आंख्यां

थळी चीरती

बळै काळजो

आंख्यां रड़कै

घोड़ै सूदी

दो-दो बेट्यां

कियां खटावै

बाबल आंगण

धोरै चाढ इण डांव

बेटा कद आवैला गांव.?

करूं हथाई

किण रै साथै

हुयो अेकलो

आंगण खावै

जद सूं थारो

नानो गुजर्या

मायड़ थारी

रैवै गुमसुम

काग थक्यो कर कांव

बेटा कद आवैला गांव.?

सुख री छियां

मांदी पड़गी

दुख रो दाळद

दिन-दिन दूणो

बाबल थारो

घणो थाकग्यो

कद हुवैला

मै‘र थांरली

खेत चढायो दांव

बेटा कद आवैला गांव.?

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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