कोई म्हारो है

कोई थारो है

कुण किण नै

कद देवै धोखो

कद आवै मौको

कोई चारो है

कोई बिचारो।

वीतराग दांई

कद किण सूं

कोई हुय जावै

अळगो अर

बिसर जावै पिछाण।

राजनीति

मालजादी है

अण मांय कोई

प्यारो है अर

कोई बैरी

भरोसो

किणी माथै।

कोई म्हारो

कोई थारो

धोखो देवौ

धोखो खावो

है

राजनीति रो नारो।

स्रोत
  • पोथी : बिणजारो ,
  • सिरजक : श्याम महर्षि ,
  • संपादक : नागराज शर्मा ,
  • प्रकाशक : बिणजारो प्रकाशक पिलानी (राज.) ,
  • संस्करण : 26
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