म्हैं वीर बखांणू माटी रा,
भालै करवाळा सूं लड़िया।
पण भूलूं किमकर सीमा पर,
नापाक पाक सूं जो भिड़िया॥
आ वात नहीं किण हेक'ज री,
मूं सगळै पूतां नै गाऊं।
सरहद माथै दिन रैंण लड़ै,
म्हैं बलिहारी वां पर जाऊं॥
इक वीर बांकुरौ भारत रौ,
दुसमण सूं छाती तांण लड्यौ।
मरण सूं पैलां कुण जांणै,
कितरै दोख्यां रौ काळ बण्यौ॥
वो खार घणैरी खाय गियौ,
भारत रौ बेटौ सरहद पर।
वो आज घरां नै आय गियौ,
कांधां वाळी असवारी कर॥
मायड़ बिलखै चित्कार करै,
क्यूं पोढ गियौ रै आंगणियै।
दोखीड़ा किमकर मार दियौ,
क्यूं हार गियौ समरांगणियै॥
क्यूं रण सूं थूं भाजण लाग्यौ,
मगरां पर गोळ्यां खाई क्यूं।
क्यूं दूधां दाग लगायौ रे,
मायड़ री कूख लजाई क्यूं॥
कीकर स्याळा मिल मार दिया,
केहर सिरसै मोट्यारां नै।
क्यूं हणिया नह थूं पूत बता,
पाकिसतानी गद्दारां नै॥
इसड़ौ कायर तौ नह जायौ,
क्यूं जीवतड़ी नै थूं मारी।
क्यूं लहू लजायौ तात तणौ,
क्यूं कर दिन्ही रै गद्दारी॥
मूंडौ थूं कैंया देखासी,
बाबोसा नै यूं लाल बता।
उण खाई गोळी छाती पर,
थूं भाज्यौ रण में पीठ बता॥
ओळबियौ देसी मोटोड़ौ,
यूं भीरू बणनै भाज गियौ।
क्यूं जायौ औड़ौ कायर म्हैं,
वीरां रौ कुळ यूं लाज गियौ॥
बेटा बोल्यौ मुळकांण लियां,
जरणी सुंणजै मो बातड़ली।
म्हैं दूध उजाळ्यौ थांरोड़ौ,
म्हैं नहीं लजाई कूखड़ली॥
सांमी छाती म्हैं जाय भिड्यौ,
दोख्यां री छाती पर चढगौ।
बंदूक चलाई दो हाथां,
दुसमी रौ काळ बण्यां अड़गौ॥
अरिदळ नै भूनै हौ मायड़,
रग में अणहद आपांणौ जी।
वे हेरतड़ा भाजण लागा,
लुकणै खातिर आथांणौ जी॥
सामर में घाण मचाई म्हैं,
मां देह बणी अबलख म्हारी।
हिड़दै में म्हानै याद हती,
कुरबाणी म्हारै बाबा री॥
थांरौ जणियौ रणभोमी में,
उपराथळ लोथां राळै हौ।
आगै सूं आगै चालतड़ौ,
अरियां रै गोळ्यां बाळ हौ॥
बैर्यां रा गिंडा गोळ हुया,
जद कुबध करी वे मोटोड़ी।
इक टोळी आगै सूं लड़ती,
दो लुकतोड़ी लारै दौड़ी॥
आगै सूं जय जद ओखी ही,
लारै सूं मां उण घात कर्यौ।
वे कायर बणनै ओलै सूं,
मां मगरां पर आघात कर्यौ॥
म्हैं कायर दांय नहीं भाज्यौ,
थांरोड़ी सीख बिसारी नह।
म्हैं अंत समै तांई लड़ियौ,
कायरता मन में धारी नह॥
बाबोसा री छाती चवड़ी,
हरखतड़ा गळै लगासी जी।
थूं मान बधायौ बंस तणौ,
म्हनै सिंघ कह बतळासी जी॥
मायड़ हरखायी मन मांही,
निज कुळ री आंण रखी बेटा।
म्हैं भाग सराऊं म्हारोड़ा,
म्हैं थांरोड़ी जरणी बेटा॥
आ बेटी भारत माता नै,
कर जोड़तड़ी परणांम करै।
जग में कित अैड़ी मात मिळै,
सुत मिळै कठै जो अेम मरै॥