लाम्बौ रूंख खिजूर रौ
लुळ-लुळ झोला
खाय।
राग जैजैवन्ती रै पैलै उठांण
में ईज
खिजूर रौ वौ पेड़
अकास रै झोलां चढग्यौ
भरियै भादवै री
दोब में
आयौ उफांण बूंटा बाजरी
नै विलायतखां री आंगळियां
सूं
कूं कूं झरण लाग्यौ
सात सुरां रै च्यांनणै में
परगट व्ही
रुत ही रूपल डीकरी
उपरांत
मोकळै साज-बाज रै साथै
वीं री बन्नौरी
नीसरी।