अब हुवैलो जुद्ध

अर मिनख री कंवळी सांसां में

उगैला थोर रा जंगळ

बुझ ज्यावैलो

पिरथी री सिलाड़ी माथै लिख्योड़ो

मिनखपणै रो उजळो लेख

ढवैला

तोपां अर बन्दूकां सूं भून्योड़ा

काळा भींतड़ा

अर धंसकैली

पीढयां सूं बणियोड़ी

रीत-नीत अर संस्क्रति

मुरदा लासा रो रगत

धरती रै काळजै ठस ज्यावैलो

सूख ज्यावैला

हरया बिरछ रा काचा पानड़ा

हेटै मिलैला

ब्यायोड़ी कोचरी रा

गुदळे से रंग रा अंडा

फेरूं हुवैलो जुद्ध

फेरूं लुक ज्यावैली

नुंवी साख री नुंवी उमंगां

इतियास खुड़बुड़ासी

बंद पोळा रै

लेदरी लाग्योड़ै दरवाजै ने

अर कैवैलो

कळपतै मिनख नै

जुद्ध खुद री छाती में

खुवायोड़ा जैर सूं भरयोड़ा

लोवै रा ताता कांटां सो है

मौत नै पिछांण मानवी

बिखर ज्यासी

गुण नीतां रा खीलरा

पलटैलो माटी रो भाग

काळै मूंडै रै सूरज री छींया में

मैनत सूं मांड्योड़ी

सिसकैली मिनखीचारै री मूरत

धरम, विस्वास अर मान री

कूड़ी मरजादा हंसैली

कुदरत रै नांव माथै

मिनख

थारै रगत सूं भरयोड़ा हाथां में

रोवैली थारी तसवीर

दळ ज्यावैला चांद अर सूरज

आकास री मेड़ माथै

अर चीं-चीं करतै अंधारै मांय

कोसेली थारी आतमा

थानै जुगां ताई

जुद्ध हुवैलो अर फेरूं हुवैलो

इतियास कैवैलो अर फेरूं कैवैलो

पण मिनख...।

स्रोत
  • पोथी : पनजी मारू ,
  • सिरजक : गोरधनसिंह सेखावत ,
  • प्रकाशक : भँवर प्रकाशन
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