तूं अलीसन कोसे उगणीस बरसां री,

थारी मोत हुई कारण

तैं चाया फूलड़ा

बीं राज नैं फूल मत चढ़ा

जठै साच डंडीजै।

इसै राज सूं बगसीसां पाछी हुवै

सनकी अर जुलमी।

अर बा बगसीस तनैं पाछी मिली,

अलीसन कोसे!

एक गोळी जिकी फुलड़ै नैं

बारै काढ़ दियो।

धरती री मावां कानां में कैवै

“हाय राम! हाय राम!”

जोतसी आगली कैवता डरपै।

मोत ‘रॉक एन रॉल’ आज नाचै

वियतनाम अर कंबोडियां रै हाडां माथै।

काल ईं नैं किसो मंच मिलसी?

तोकियो री छोर्‌यां जागो,

रोम रा छोरां, उठावो फूलड़ा

सागी पापी बैरी रै सामां मंडो।

जवान अमरीका, हत्यारां रा हाथ बांधो।

जावो रै फूलड़ां, जुध में जावो

अर फूटरापो रुखाळो।

अर मिनखां री गिरदी में

फूलड़ां उठो, कतलीजी अलीसन कोसे,

जुग रै अमर फूल ज्यं,

गदर रो कांटीलो फूलड़ो।

स्रोत
  • पोथी : लेनिन काव्य कुसुमांजळी ,
  • सिरजक : येवेजनी येव्तुसेंको ,
  • संपादक : रावत सारस्वत ,
  • प्रकाशक : राजस्थान भासा प्रचार सभा (जयपुर) ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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