कदेई कदेई मारग

चालतौ चालतौ बण जावै

चांणचक पुळियौ

पछै

पुळिया माथै कर जावतौ

धंस जावै

अेचबेच रौ सुरंग में

पछै

सुरंग सूं निकळतौ

हंसतौ-हंसतौ

बिखरै

अर बिखरतौ-बिखरतौ

पसर जावै किणी ताल-छापर में

पछै

छापर सूं जावतौ

हांपतौ-हांपतौ

चढ जावै

डूंगर माथै

पछै

डूंगर सूं रळकतौ

जाय पड़ै

खाडा में

जिणनै पुचकारण सारू

आपरी किरणां रै गेले-गेलै

आय बाजै सूरज

आय' उणरा गाभा झाड़

बाल्हा देय

पंपोळतौ सूरज

रात पड़या

आपरौ मारग भूल

अंधारा रे कादै कळजा

पण मारग तौ सूरज नै वठै इज छांड

कचवच कादा सूं निकळ परौ

होळै-होळै

सरकतौ

रिगसतौ

भखावटै सू पैली-पैली

आय ऊभै

चोवटै

पछै

चोवटै सूं गुडाळयां-गुडाळ्यां

किणी गळी मांय कर

बड़जा

गुवाड़ी

पछै

पछै... पछै... पछै... पछै...

पछै आप कांई जांणौ

सेणौ-सेणौ

खूटै बंधजा मारग?

नीं, नीं

वौ वठा सूं गळामी तुड़ाय

पूगजा ओवरै

ओवरा सू मांयले ओवरै

वठा सू पाधरौ

रसोवड़ै

अर जाय बेसै चूल्हा री बैवणी

जठै वो पोईजता सोगरा रौ बण जावै

पांणीच्यौ-पलोतण

नीं सूखै

ताती केलड़ी

वौ तौ पाधरी थाळी में पूग

कवौ-कवौ व्हैवतौ

चाईजजा दांता बिचाळै

अर आटा री जात

उतरजा पेट में उंडौ

वौ बठै नीं ढबै

आंतां री सुरंगा मांय कर

परभातै

मूंडी काढै

इण केड़ै

उणरै पगां हेटै आयजा जमीं

अर वौ चालण ढूकै

पाछौ मन करै जिण दिस

पछै

मत पूछौ आप

के सेवट वौ पूगै कठै है

वो व्है जावै आरपार

संमदर रै

आदमी रै

प्रथमी रै

अंतरिख रै

उणनै कठैई पूगणौ व्है तो पूगै

मारग रै कठै नीं पूगणौ व्है

ज्यूं पछै ... पछै पछै रे नीं पूगणौ व्है!

स्रोत
  • पोथी : मारग ,
  • सिरजक : चंद्रप्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : देवल प्रकासन, गोटीपा
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