बस ईज फरक है

थारी अर म्हारी रसोई में

थारो किचन

पळका मारै

धूंओ अर आग दोनूं है अळघा

च्यार जणा पलाथी मार’र

नीं जीम सकै भेळा

फगत रेफ्रिजरेटर

सिंक-सलेब

सिलैंडर लाइटर

पण म्हारी रसोई

आग अर धूंवै नै

नीं करै न्यारो

काळजो ठाडो है म्हारी रसोई रो

चूल्है री बेवणी बारकर बैठ

टाबरां री फौज बारणी बोलै

छनेड़ी में जचायेड़ी थेपड़ी

छाणा अर झुरकस

म्हारै खातर

रिनोवेशन है दो बगत री रोटी रो

चींपियो अर भूंगळी

कम कोनी

उत्प्रेरक सूं

पेट री नाभिकीय-क्रिया खातर

म्हारी रसोई कीड़ी-कसारी अर ऊंदरा

सगळां रो पेट पाळै

पण थारी रसोई देख्यां

भूख भाजै।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : कमल किशोर पीपलवा ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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