इतनी सी है साध सहेली
थारै रंग सूं रंग दे चादर!
थारो रंगरूड़ौ मद-मातो
थारो रंग फूलाळो है।
नेह-गंध भरियो थारो रंग
अनुपम आभा वाळो है।
थारो रंग दिप-दिप दीपै ज्यूं
उमड़्यौ वै जोत रो सागर।
इतरी सी है साध सहेली
थारे रंग सूं रंग दे चादर!
थारो रंग आभै में बिखर्यो
किरण-किरण सूं खेलै है।
थारो रंग धरती पर बिखर्यो
जगती रा दु:ख झेलै है।
गोपी रै चम्पाई रंग में
ओपै थारै रंग री गागर।
इतरी सी है साध सहेली
थारै रंग सूं रंग दे चादर!
जणों-जणों संघर्ष करै है
उणमें है थारो रंग रातो।
जो जूझै है अन्यायी सूं
उणसूं थारै रंग रो नातो।
जठै कठैई झरै परैवो
थारो रंग झरै है झर-झर
इतरी-सी है साध सहेली
थारे रंग सूं रंग दे चादर!