थूं ऊभी थिर पूतळी

हंसण

रमण

बधण सूं

कोसां आंतरै

ऊंचायां

किचरीजियोड़ी देह

चाखती खार

सागर रौ

पार होवण रा

सपना पूजती

टाळ में

सिन्दूर घाल

टोळी सूं टळियोड़ी

पूरण होवण री आस

देखती रैवै

काळ अर भरम रौ

बाथेड़ौ

थारी आस

नीं मावै

थारी हथाळियां

नीं चाखै

थारा होठ

उणरौ सुवाद

समदर री छाती

ऊग जावै

भाखर

काळा आखरां रौ

फगत है

थारौ अनागत है

स्रोत
  • पोथी : घर तौ एक नाम है भरोसै रौ ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • प्रकाशक : रम्मत प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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