1 - प्रेम
फंफेड़ नाखै
काळजै मांयली
अेक तूफानी लैर
जकी मैसूस करै
जगती सूं निरवाळा
फगत दो जीव।
नैतिक नेम-कायदा
समाजू असूल
जात-धरम री लाल-हरी धजावां
ऊंच-नीच रा रोळा
मिंदर-मैजत री धोक
सगळा कर देवै तैस-नैस
भांत-भंतीला रंग
हुय जावै अेकठ
वठै रच जावै मांय-मांय
सातूं रंग भेळौ
फगत अेक रंग-प्रेम।
पण हुय जावै जद
ओ रंग जग-चरूड
खिंड जावै पूठा विडरूप रंग
जात-धरम रा
ऊंच-नीच रा
गरीबी-अमीरी रा
घिनावरा उकळता रंग
छेकड़ बचै अेक ई रंग
अणथाग लोही रौ
जकौ नीसरै तरवार री धार सूं
बच जावै अखूट प्रेम-कहाणी।
2 - प्रेम
समदर री डुंगाई
हिमाळै री ऊंचास
आभै रौ पसराव
तारां री गिणत
धरणी रौ तौल तकात
सौ-कीं लखावै अणमाप
पण विग्यान खातर
अै ओखा कोनी
सगळा ताबै आयग्या
तकनीक रै घोचां सूं।
फगत अेक तत्त रौ
माप नीं कर सकै
तकनीक अर विग्यान रा जंतर
हियै हबोळा खावतो
प्रेम रौ माप
वीं तत्त रौ तोल
वीं तत्त री ऊंचास
वीं तत्त री डुंगाई
वीं तत्त रौ पसराव
वौ अणछेह-अणमाप है।
वीं तत्त पूगण खातर
बणणौ पड़ै
हीर-रांझा
ढोला-मारू
लैला-मजनूं
सीरी-फरहाद
सोहणी-महिवाळ
कै राधा-क्रिसण।