पीपळी-१

कोटपूतळी वाळी पीपळी
अर 
मंडोर वाळी पीपळी
मारी (बारी) रै कन्नै ऊभी
म्हां माथै राखै
निजरां 
म्हूं आ दोवूं पीपळी रै
ओळै-दोळै रैवूं
ज्यूं म्हारै घरवाळी
पीपळी रै साथै।

पीपळी-२

पीपळी ऊभी 
म्हूं भर्‌यो 
धोबो पांणी रो
कै छाबका मारूं 
फटकारौ मारण सूं
पैलां खिड़खिड़ हांसी
पीपळी 
कुचमाद समझगी
म्हारी 
म्हूं ऊभौ
ताकौ 
पीपळी नैं।

पीपळी-३

पीपळी देखै
म्हारै कांनी
म्हूं देखूं
पीपळी कांनी
म्हूं मुळक्यो
पीपळी चिनेक मुळकी
फेर खिड़खिड़ हांसी
पीपळी रै पांनां माथै
छांटां री बूंदा
म्हारी बेटी कंगना ज्यूं
छांटां री बूंदा मुळकी, हांसी।
अबै पीपळी, म्हूं अर
छांटां री बूंदा
आपसरी मांय
तीनूं हांस्या
अेक दूजै नै देख’र।
 
पीपळी-४ 

पीपळी रै काचा
हरियळ पांनां माथै
थांरो मूंडो परतख दीखै
म्हूं थांसू
कोसा कोस दूर
थांनै देखूं।
स्रोत
  • पोथी : बिणजारो ,
  • सिरजक : गौरीशंकर निमिवाल ,
  • संपादक : नागराज शर्मा ,
  • प्रकाशक : बिणजारो प्रकाशन ,
  • संस्करण : अंक 36
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