आज रौ दिन
सोन चिड़ी रौ पंख
उड़तौ-घिरतौ खनै आयौ
अर बोल्यौ—चाल, म्हांरै साथै चाल!
थूं चावै वठै थांनै ले ज्यावूं
पटक अठै ई
पटक औ चिन्त्या रौ भारौ
म्हांनै तौ चाईजै थांरौ—
भायलाचारौ।