गीतां रै गांव आया रितुराज पा’वणा

फूल कळी बाट रया सोरभ रालावणा

बांधै बेलां बांदरवाळ

पगल्या मांडै लाल गुलाल

नाचै मोर्या घूमर घाल

पात पात धुन बांधै ताल

गुण-गुण गा-गा भवरा रा सुगन मनावणा

सतरग लैर्या जड़ी किनार

धरती मुळकै कर सिणगार

मैंदी राची घणै सुमार

कंठ कांठलै नदिया धार

आरतडो करवावै कोयल रा गावणा

हिवड़ै-हिवड़ै उठै हिलोळ

कोड किलोळां री धमरोळ

रूप थाळ में पचरंग घोळ

प्रीत मांडणा मांडै पोळ

सुरसत सुर सुळझावै सांसां रै बाजणा

गीतां रै गांव आया रितुराज पा’वणा

स्रोत
  • पोथी : राजस्थान के कवि ,
  • सिरजक : कल्याणसिंघ राजावत ,
  • संपादक : रावत सारस्वत ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य संगम (अकादमी) बीकानेर ,
  • संस्करण : दूसरा संस्करण
जुड़्योड़ा विसै