थांरी ओळ्यूं...
आज फेर इसी हुयगी
कै मनड़ो मिलण नै तरसै
थांनै देखण नै तरसै!
हरमेस कन्नै ई रैवो
बस दिखो कोनीं...
ओळ्यूं इत्ती है कै
आंख्यां में आंसू रुकै ई नीं
अजैलग थांरी आवाज़
काना में गूंजै...
...ओळ्यूं आई
पण थे कोनीं आया..!