गुरू— एक उखड़यौडी जड़।

चेला— बेकाबू अँधड़॥

सासू— अेक पुराणी रूढ़ी

सुसरौ— बखत रा हाथां पिटयौड़ी पीढ़ी॥

पति— अेक जरूरी उपकरण।

पत्नी— सुहावणौ वातावरण॥

पिता— सळवटां भरयौ खद्दर।

पुत्र— बेलबोटम रो सफर॥

डाक्टर— अेक कड़वी सी दवा।

नर्स— फागण री हवा॥

वकील— कीं मछेरां रो जाळ।

मवक्किल—अेक उळझ्योड़ौ सवाल॥

सेठ— दो नबर रो काळौ धन

सेठाणी— घोषित संपत्ति री आभूषण॥

अफसर— सातवां आसमान।

चपरासी— झुक्यौड़ी कमान॥

संपादक— अपराजित मरद।

लेखक— ला इलाज दरद॥

थाणैदार— सीधौ खड़्यौ डंडौ।

सिपाही— सलामी में झुक्यौडौ झंडौ॥

दुकानदार—लूट रौ इश्तहार।

ग्राहक— हलाल होवणियौ सिकार॥

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : कुंदनसिंह ‘सजल’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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