धिरकार धिरकार धिरकार

सिरकार सिरकार सिरकार

थू: थू: थू:

कांई कांई कांई

हाथ धोवौ कुरळा करौ पंगत में बैठौ

पातळ बिछावौ लाडू ल्यावौ पेड़ा ल्यावौ

कोनी खावां कोनी खावां कोनी खावां

मावै री कचौड़ी ल्यावौ प्याज री पकौड़ी ल्यावौ

(गादी ल्यावौ घोड़ी ल्यावौ रात-रम्मण जोड़ी ल्यावौ)

आं नै घालौ रायतौ आं नै दूध-जळेबी

आरोगौ घी-चूरमौ

म्हारा कांणा-खोड़ा-अेबी।

ल्या ल्या ल्या ल्या चक्कियां रौ धांमौ

भर-भर ल्या

वाऽऽऽ थांनै वाऽऽऽ

धन्न-धन्न अै पुरसगारा

धन्न है

पुरसगार!

जै बोलौ सिंघासण री

जै जै जै सिरकार!

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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