सूरज —
आभै रै नीलै गुवाड़
बेगार करतो-करतो
जणा पूगै
उगण सूं आथूण।
चांद-
आपरै पीळै पड़्योड़ै चै’रै माथै
एटम बम्बां रो भय ओढ्यां
करै उगण री त्यारी;
तारा री आंख्यां मांय
रड़कै है
‘ओजोन’ री छात सूं
छण’र आयोड़ा कांकरा।
रात —
काळी पड़ण ढूकै
मिनख री लाम्बी होवती छायां सूं।