मां कैवतां मूंडौ भरीजै
महज मां जैड़ै इक आखर में
समूची सिस्टी समटियोड़ी निंगै आवै
जलम देवाळ मां रै
त्याग अर बळिदानां रौ परतिदान
इण जगत रौ कुण ई बेटौं नी दैय सकै
जलम देवाळ मां इज है
जकी आपांनै इण जुग में
लाय नै दुनिया रौ दरसाव करावै
नव मास कोख में राख नै
अणमाप दरद सैवै है
आपरै जायोड़ै नै सुख देवण खातर
अणूतां तांग करै है
इण रौ अंदाजौ दुनिया रौ
कोई मिनख नीं लगाय सकै
आखै जुग रौ सनेव दैय नै
मां संस्कार जायोड़ै में भरै है।
मां रै नैणां में कितरौ ई नीर रैवै
भलै वां कितरा ई दरद में व्है
पण आपरै जाया सूं हर पीड़ लुकावै है
मां कदै'ई आपरै टाबर नै दोरौ नीं होवण दै
टाबर माथै आवण आळै हर दुख नै
मां आपरै कांधे लैय उणा सूं सामनौ करै
पण कदैयी आपरै टाबरां नै
अबखी में नीं दैख सकै
ममताळू मां इज व्है है
जकौ हरेक री बुरी निजरां सूं आपांनै लुकावै
सगळां री निजरां सूं छिपाय नै
सनेव रौ हांचळ चुंगावै है
रैवै आखौ दिन वां भूखी भलै
आपरै टाबर रै वास्तै
जद तांई उण नै नीं खवाय दैवै
रूखी सूखी आधी दूदी खाय नै
मां पेट आपरौ भरै है।
मां रै चरणां में बसियौ आपणौ
सगळौ औ संसार रेवै
मां री मूरत में ई देवी देवतां रौ वास बसै है।
टाबर री आंगळी अपड़ नै
मां इज उणनै पांवडा भरणा सिखावै है
अर पगल्यां भरता देख हरसावै है
अंतस रै लगाय आपरै जाया नै
भरै पूरै परिवार अर घर-बार रौ काज करै है
भलै रैवै मायड़ नै थाकेलौ कितरौ ई
भाळ टाबर री पूरी राखै है
मांदगी में जाया री जामण
आखी रात जागै है।
टाबरां री अचपळायां उमर रै
परियांण कितरी ई क्यूं नीं बध जावै
मां आपरै आंचळ में धर लैवै है
बाबोसा री डांट डपट सूं
आडी पड़-पड़ मायड़ ई बचावै है
साच कूड़ रौ लूंठौ ग्यांन मां इज बगसावै है
आपरै टाबर री हर छोटी मोटी आस पुरावै है।
भला काम जीवण में करजौ
बार-बार आ बात समझावै है
कुलैण नीं पड़ जावै टाबर उणरा
इण बाबत ई सोच करावै है
मैणत-मजूरी करनै ई मां
टाबरां रा सैंग मौज पुरावै है।
जिण नै मां री छतर छिंया मिळै
वा टाबरां रा लूंठा करम कहावै है
दुनिया री हर तागत सूं मां इज
ऊंची मानीजै है
मां तौ आपरी ओलाद रै कारणै
ईसर सूं ई भिड़ जावै है
ओलाद रै पालन पोखण रै कारण
कैयी रातां जागती रेवै है
खुद आलै में सोय टाबर नै
सूखै में सुलावै है।
मां इज व्है जकौ विधाता रै
लिख्योड़ै लेख नै ई बदळ देवै है
मां री आंतां सूं हर पल टाबर रै
सारू आसीसां निकळती रेवै है
चायै वा औलाद किती ई कपूत क्यूं नीं व्है
पण मां कदैयी कुमात नीं बण सकै है।
साच ई तौ है मां आपां नै
सुख दैवण रै खातर
हजारां दुख दरद सैय नै
ठाह नीं कितरा तांग कर जावै है
आखै जुग रौ सनेव लुटाय नै
मां सही मारग माथै चालणौ सिखावै है
हर छिण चोखा संस्कार जाया नै दिरावै
मां री मैमा नै कद आखर में
बखांणी जावै
किणी औलाद रौ बूतौ नीं हौवै
जकौ मां रै बळिदांन रौ करजौ चुकाय सकै
ना ही मां रै त्याग नै आखरां मांय
मां री मैमा नै उकेर सकै है
मां री मैमा तौ संसार में सब सूं अणमौल हौवै है।