मँझरात

अर परळै री पाळ माथै सूंसावै

दुस्मीं पाळौ

बटोड़ै री ज्यूं ऊभौ हूं म्हैं

फोड़ौ म्हारौ माथौ

हूंस रा छांणा

हेज री थेपड़ियां

बारै काढ़ौ नै बाळौ

अैसांण मांनण री कत्तैई

जरूत कोनी

तौ सियाळौ आपरी मांगत मांगै

अर म्हैं वीं रौ

करज चुकावूं

खुद रौ धूंवौ देखूं

बळता भाग सरावूं!

स्रोत
  • पोथी : पगफेरौ ,
  • सिरजक : मणि मधुकर ,
  • प्रकाशक : अकथ प्रकासण - जयपुर
जुड़्योड़ा विसै