मांदो चाँद सूतो है

आकाश रा खाट पे

ओढ’र

धुंधळी चांदनी री चादर

डागदर-कम्पाउन्डर ज्यूं

काळा-धोळा बादळा

कदी-कदी आवै

उण मांदा चांद पे झुक जावै

दवाई-पथ्य बता

अठी-वठी हो जावै

सियाळा री सीळी-सीळी बायरी

अर मांदगी री हूंक

हाय-हाय कर ठसकाय री

स्तब्ध भयभीत

परिजनां-सा रूंख

आस में आकास ताकै

डागदर बादळियो काई बोलै

ऊंचा-नीचा होवता हाथ-पग

पानां ज्यूं बाजै

लोग जाणे

बायरी बाज री है

मन भारी है

पण लाचारी है

मांदगी रे बधता

मौत री बारी है

उण री

न्ह म्हासूं

न्ह थांसू

न्ह चांद सूं

किणी सूं भी न्ह

सिर्फ काळ सूं यारी है

ही तो दुनियादारी है।

स्रोत
  • पोथी : दरद डूँगरा : दरद समँदरा ,
  • सिरजक : नन्दकिशोर चतुर्वेदी ,
  • प्रकाशक : ज्ञान प्रकाशन मंदिर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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