किणरी उडीक में

बैठां हां अपांI

किणरै आयां

होय जावैला

स्सै सावळI

कांई कठैई

कोई अेड़ौ है,

जिणरै खूंजै में है

इण स्रिस्टी नै

सावळ करण री कूंचीI

पछै किणनै उडीका हां

अपांI

स्रोत
  • पोथी : आप कठी कांनी हौ ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • प्रकाशक : रस्मत जोधपुर ,
  • संस्करण : pratham