जठै हा

बठै ऊभा हा

हाल ताईं

जुगां रा जुग बीत्या।

बा घर

बिना छात रो

कई भींता

अणलीपी

चूनै रो पलस्तर कठै

गिरे है ईंटा सू रेत

जुगा रा जुग बीत्या।

बो चूल्हो

ईंटा रे सहारै ऊभो करयोड़ो

बे 'ई पीम्पा

खाली अध-खाली

भर्यै पीम्पा रा सुपना कठै

खाली पडी पागी री कूंड्या

जुगा रा जुग बीत्या।

हालत है

पेट री दाझ कोनी बुझै

अेक खाडो बूरीजै कोनी

स्रोत
  • पोथी : काल अर आज रै विचै ,
  • सिरजक : सांवर दइया ,
  • प्रकाशक : धरती प्रकाशन ,
  • संस्करण : 1
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