जीवन

जकौ

झांझरकै उठै,

कचरौ फूस काढ़ै

पाणी लावै,

रोटी टुकड़ौ रांधै,

हाड़ी काटै,

सावणी बोवै,

सिंझ्या बाती करै,

लोरी गावै,

पग दबावै,

घर हंवेरै

जलम उणरौ ही बोझ?

कुण करै फैसलौ?

भगवान आप भी तौ हौ मरद।

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : मोनिका कौशल ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
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