जीवन
जकौ
झांझरकै उठै,
कचरौ फूस काढ़ै
पाणी लावै,
रोटी टुकड़ौ रांधै,
हाड़ी काटै,
सावणी बोवै,
सिंझ्या बाती करै,
लोरी गावै,
पग दबावै,
घर हंवेरै
जलम उणरौ ही बोझ?
कुण करै फैसलौ?
भगवान आप भी तौ हौ मरद।