पाणी री छाँट को न्हाखी नीं
कई दिनां सू चमकै है बीज
अर गाजै हैं बादल कालो!
आ तो हुई आ ही बात
कै कोई घरै बुलावै आपरै
पण जावां जद लाधै तालो।