नी ठा
की गमग्यो
नी ठा-कीं सौघण
नीं ठा-कुण सै
सुख री याद सूं
खिल्योड़ी
नीं ठा-कुण सै
दुख री बीती
कैई घड़ी सूं
बिफरयोड़ी
कदै थ्यावस सागै
कदै बावळी ज्यूं
आपरै ई मांय
बड़ती-निसरती
कदै-फैलती मैदान ज्यूं
कदै-भैळी हुवती
गळी ज्यूं
आपरी ही
धुण री धणियाणी हुई
गूंज-गूंज गूंजती रै
बैवती रै नदी
दिन-रात
रात-दिन
भरती रै घाटी रो
हियो-जियो
गूंजती रै अणथक
अद्बुध संगीत-लैरी
दैवती रै सनैसो
जात्रा-जात्रा और जात्रा
जीणै री लालसा री जात्रा
चालणौ-चालणौ और चालणौ
नदी, खाली नदी ही नीं है
नदी चालणौ है
अर चालणौ ही जीवण।