पिछाण न्यारी-न्यारी.!

बिरंडी

छत

भींत

बारणां!

धुड़ग्या-रळग्या

बणग्या माटी।

मोटासर-मुटळाई

कुम्भाणो-कनळाई..!!

उठता गांव

गमता नांव

घर धुड़ै

खेह उडै

उतरती पीड़

झरै आंख्यां

घर हा सजळ

थोड़ी जैज पैलां

घर में लोग

बाखळ में गाडा

अबै-

घर गाडां

घर मोढां.!

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
जुड़्योड़ा विसै