हेली म्हारी!
गम री चोटां नै सैण करता
आंपां टूट कोनी जांवां
पाछै छूट कोनी जांवां
हेली म्हारी!
कितरी उम्मीदां है
कितरा सुपना है
फैर भी
मन डरपै
हेत री डोर टूट कोनी जावै
साथ छूट कोनी जावै
हेली म्हारी
घणां जतन सूं अंगेज्या
सपनां
घणा जतन सूं चुण्या
मैल-माळिया
पण—
लुटेरा आंपणी बाड़ी नै
लूट कोनी जावै
साथ छूट कोनी जावै
हेली म्हारी
देश री किश्ती लागै
फंस गयी है तुफानां में
डगमग-डगमग करती
थपेड़ा खाती टूट कोनी जावै
साथ छूट कोनी जावै
हेली म्हारी
हेत री डोर बंधी है
थारै म्हारै बीच
कोजा मिनखां री
कोजी निजरां सूं
दानवी अणूती करतूता रै कारण
इमरत कळश फूट कोनी जावै
साथी! साथ छूट कोनी जावै।