मस्त मस्त बेवै
नदी
मचळै तो बाढ़
आ जाय
पिण
तिरस मिटाय जीवण दे
पाणी।
जोर सूं चालै
आंधियां बण जाय
मंधरी-मंधरी चाल
जिंदगी री सांसां देवै
हवा।
भबके ज्वालामुखी
बुझिया राख बणै
आकरी-मंधरी बळै
जिनगानी ने पात देवै
आग।