भासा में नीं
कैयौ किणी बीजी सांनी थूं
म्हारौ कुमळावणौ घणौ जरूरी
थारै खिल-खिल जावण सारू!
कुमळायोडौ तद सूं
दीसूं दुनियां नै दूणौ हरौ
हेरतौ थकौ थनै
आपूकी हस्ती रै परबार
ले देख
म्हैं नीं तोड्या वाचा!