भासा में नीं

कैयौ किणी बीजी सांनी थूं

म्हारौ कुमळावणौ घणौ जरूरी

थारै खिल-खिल जावण सारू!

कुमळायोडौ तद सूं

दीसूं दुनियां नै दूणौ हरौ

हेरतौ थकौ थनै

आपूकी हस्ती रै परबार

ले देख

म्हैं नीं तोड्या वाचा!

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : मालचंद तिवाड़ी
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