नवजात टाबर

जियां आयो

खुद री मां रै मुंडागै

मां खोयगी

किणी दूजी दुनिया में

आंखियां में ममता

हियै में हूंस

मावड़ी चूमण लागी

लाल रै लीलाड़ नैं

मां रै होठां री छुवन

संचरित कियो

नवजात री नसां में

प्रेम रो पारावार

आणंद री अनुभूति

अर मिनखा जूण रो

स्सैं सूं पैलो सुख

मां रै लाड सूं

हुयोड़ौ गैलो

थोड़ो सुथरो थोड़ो मैलो

पळेटियोड़ौ कपड़ै में

बो नवजात

काची चामड़ी

अधमींची आंखियां

रातो डील

ताजै ऊगियोड़ै

बीज सूं निकळिया

दो पान जिताक हाथ

अर उणां में ऊगियोड़ी

कूंपळ जैड़ी

आंगळियां सूं

उण जियां लगायो

आपरी मां रै मूंडै माथै हाथ

छिन में मिटगी

मां रै डील री

जापै सूं व्यापी

सगळी पीड़।

स्रोत
  • पोथी : भींत भरोसै री ,
  • सिरजक : सत्येंद्र चारण ,
  • प्रकाशक : वेरा प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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