1.

नीं खाया जको
मा-बाप रा गदीड़
खावै भचीड़।

2.

करजदार
मा रै दूध धार री
आपणी सांसा।

3.

है अविनाशी
आत्मा रै जियां इज
मा अर बाप।

4.

राजा कै रंक
सगळा अेक मा रा
हुवै है अंग।

स्रोत
  • सिरजक : घनश्यामनाथ कच्छावा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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