घर सूं भाज्योड़ी छोरी
आपसूं भाजै है
संसार सूं भाजै है
बा भाजै है
आपरी लुगाई जात सूं
घर सूं भाज्योड़ी
छोरी ले जावै आपरा अैनाण
उणरी भाजती टेम
भाज जावै है सगळा रिस्ता-नाता
मिट जावै उणरा खोज
भाज्योड़ी छोरी किण री
दया री पात्र नीं बण सकै
अर न ई किणरी प्रेमिका
बा फगत काम री चीज बण सकै
पण किणी री बेटी बहन अर लाड़कड़ी नीं
बा दुनिया सूं
सगळा रिस्ता-नाता सूं
पार निकळ जावै...
प्रेम कितरे भांत रो हौवे
कम अर ज्यादा भी स्यात हौवे
मां-बापू
दादा दादी
काका-ताऊ
रै प्रेम आगै
किणी दूजै रो प्रेम भारी पड़ जावै
पण प्रेम रै इण थोड़े-घणै मांय
कसूर किणरौ?
मां-बाप रो
कै बेटी रो?