गल्लू खेजड़ै रा खोखा

ऊलाकणा है

अस्पताळ वाळै कीकर री पातड़्यां

बेड़ी है

जोहड़ै वाळै पीपळ में

काळ कोचरी रो बासो है

बिंझाणियै नीम में

भूत रो बासो है

भैंरूजी बासवाळा गंडक

हिड़का है

गऊसाळ लारला खंदेड़ा में

जाळोटिया रमै

पितरजी वाळै कूवै में

चमचेड़ां रो बास है

डाकीड़ै धोरै माथै लोग

ओठारू बांधै

पण आजकाल

सगळो गांव फेसबुक में कैद।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : कमल किशोर पीपलवा ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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