लै माचिस अर सुण लै

के थूं इणरौ की नीं करैला

सिवाय इणरै

के आपरी बीड़ी सिळगाय लै

तूळी नै फूंक सावळ बुझाय दै

अर पेटी म्हनै पाछी कर दैला।

लै माचिस

पण याद राखजै

के इणासूं थनै फकत

चूल्हौ सिळगावणौ है

रोटियां पोवणी है

काम काढ़ पेटी म्हनै पाछी देवणी है।

लै, इणसूं थूं स्टोव सिळगाय’र

दो चाय बणा सकै

घर-जरूत सारू

दो- चार तूळियां राख सकै

पण पेटी पाछी देवणी है, याद राखजै।

अंधारी पड़गौ है, दीया-बत्ती करलै

दो-चार तूळियां व्है तौ

पेटी थूं इज राखलै

अबै तौ थूं जांणै

थनै आंरौ कांई करणौ है

म्हैं जाबूंला

म्हनै नुंवी माचिस रौ प्रबंध करणौ है।

हां, लावौ दो माचिस!

म्हैं विस्वास दिरावूं

के म्हैं इणरौ कीं नी करूंला।

बीड़ी सिळगाय दोय कस खेंचूंला।

अक आप खेंच लीजौ

पछै सोचांला—

आपां नै कांई करणौ है

थांरी पेटी थांनै पाछी कर दूंला।

लावौ दौ माचिस

चूल्हो सिळगायलां

दोय टिक्कड़ पोयलां

अेक थै खाइजौ,

अेक म्है खावूंला

पछै आपां सावळ सोचांला

के अबै आपांनै

कांई, कीकर करणौ है।

म्हैं करूंला अर आप देखौला

तूळी रौ उपयोग फालतू नीं व्हैला

दोय कप चाप वणाय’र पीलां

पछै सोचां-

के काई व्हेणौ चाइजै

समस्यावां री समाधान

माचीस सूं इण बगत इत्तौ इज काम।

ठीक है के जेब में इण बगत

पइसा कोनीं

माचिस म्हारै कनै लाध सकै

बात अबार री है

अर बात दीया-बत्ती री है

उजास व्हियां सै सफीट दीसैला।

आपरी इण माचिस में तौ

चार तूळियां है

म्हनै तौ फकत अेक चाइजै

तीन तूळियां समेत

थांरी माचिस थांनै पाछी कर दूंला।

लावौ, दो माचिस

म्हैं विस्वास दिरावूं

कै म्हैं इणरौ कीं नीं करूंला।

स्रोत
  • पोथी : जुड़ाव ,
  • सिरजक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : धरती प्रकाशन ,
  • संस्करण : 1
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