सीधो गाय सो

लगै भोलो बाछड़ियो

बोल को चालै

है सफा सूधो

नांव को बूधो

आवै जको ही कै

डोको ईं कै चौभू

जरां सै नै ठा पड़ै

ओ’ है भायो गोभू।

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : विश्वम्भर प्रसाद शर्मा ‘विद्यार्थी’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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