आखै कड़ूम्बै सांम्ही

म्हारौ बाप

करियौ म्हारौ दांन...

आप दयाळू

करी किरपा

म्हनै अंगेजण री

नींतर आज रै जमानै

कुण लेवै दांन..!

आपरौ अैसांन

नीं भूलैला कड़ूम्बौ

नीं भूलूंला म्हैं

आप रै पांण

बांटीजी बधाइयां म्हारै आंगणै...

आंगणौ

जुगोजुग गावैला आपरौ जस

आप चावौ जणै

फैंक सकौ

दांन लियोड़ी चीज बारै

आपरौ हक है!

लौ

म्हैं

सातवौं फेरौ लेवूं..!

स्रोत
  • पोथी : घर तौ एक नाम है भरोसै रौ ,
  • सिरजक : अर्जुनदेव चारण ,
  • प्रकाशक : रम्मत प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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