रिटायरमेंट रै

बीस साल बाद बी

नोकरी माथै

चढ़ती बेळा खरीद्योड़ी

बाईसाइकिल नै

झाड़ता-पूंछता रै’वै

पिताजी।

गांवतरै जांवतां

ध्यान राखण री

भोळावण देय’र जावै

बूढी मा नै।

कदै-कदास

बजार बी ले ज्यावै

हाथां मांय झाल’र

पूठा बावडै

हर्यै साग सूं भर्यै

थैलै नै

हैंडल माथै लटकायां

पगां उपाळा

हळवां-हळवां।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : ओम पुरोहित कागद ,
  • संपादक : डॉ. भगवतीलाल व्यास ,
  • प्रकाशक : राजस्थान साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर
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