आज जो भी लड़ रैया है

कोरोना सूं

वैश्विक महामारी री बीमारी सूं

अर जो रात-दिन लाग्योड़ा है

बचावण सारू,

संक्रमण री कड़ी तोड़णै,

जो-भी जुटा रैया है-

राहत-सैयोग

पीड़ितां नै बचावण खातिर

वै सगळा है जोधा

उणां नै नमस्कार है

आभार है।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत (अप्रैल-जुलाई 2021) ,
  • सिरजक : रमेश ‘मयंक’ ,
  • संपादक : शिवराज छंगाणी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर
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