धड़ रो मोल सीस बिन कोनी
सीस बिना धड़ धूळ समान
प्रीत बिना सा-दुनियां सूनी
मीत बिना जग सूळ समान॥
धड़ां मोकळी मिलसी
न्यारा माथा मोल मिलै है
मिनख टकै रा च्यार
अठै तो झुकतै तोल मिलै है॥
कण रो रिसती समपूरण स्यूं
समपूरण रो कण स्यूं है।
मण रो रिसतो एक सेर स्यूं
एक सेर रो मण स्यूं है॥
सामो गोधो गळी सांकड़ी
लारै मुड़ियां मान घटै
पकड़ सींगड़ा द्यो फटकारो
पाछ पगलियां चाल पड़ै॥
तन रो पूर पातळो पड़ियां
कठै लागसी कारी रे
मीठै मूंडै खारा गुटका
मन में तेज कटारी रे॥
अरे सूरड़ी सेर जलमसी
मकड़ो ल्यासी भेली
बाळू नै भी पींच-पींच कर
तेल काढ़सी तेली॥