अेक

अेकर फेरूं
सालीणौं इम्तहान जैड़ो
दुकाळ रौ उकळास
चमगूंगां री भेळप
चौफेर उडीक
फगत राज री।

राज री धजा फरूकै
राज लोभी कागदां रौ
जको आवै राम बण'र
केई भेस में
भंभूळा उडांवतौ
इम्तहान लेवण नैं
पास-फैल करणै।

खाटळी माथै पड़्या
कड़तू टूट्योड़ा
ढांचला
मुसाणां नै उडीकता
हुयज्या पास
अर रै’ज्या केई

सांतरै डील रा
जोध-जवान
जका नीं राखै राजी
राज रै राम नैं।

वां ले लिया हाथां
रगत-तिस्या फरसा
निसरज्या समूळौ राम
कद! कुण जांणै!

दोय

पापड़ी जम्या जोहड़ा
तिणकलां तरसती
टाट अर लरड़ी
डरूं-फरूं ऊभी
गाय-बाछी
सूंसाती भैंस्यां
जाळ में लुक्यौड़ा मोरिया
नीमड़ै में अज्यासा
चीड़ी-कागला
हाडका चूंथता गंडका
मुरधर में
अैनांण
सुरजी री फटकार रा
इंदर री रीस रा
सालीणै इम्तहान रा।
सगळी आंख्यां
आभै टिक्यौड़ी
उडीक फगत
अेक बादळी री।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (तीजो सप्तक) ,
  • सिरजक : राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर' ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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