साहस पर कवितावां

साहस वह मानसिक बल या

गुण है, जिसके द्वारा मनुष्य यथेष्ट ऊर्जा या साधन के अभाव में भी भारी कार्य कर बैठता है अथवा विपत्तियों या कठिनाइयों का मुक़ाबला करने में सक्षम होता है। इस चयन में साहस को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

कविता10

भाग

रमेश भोजक 'समीर'

बोली माथै बंद

गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

मिनख

दुष्यन्त जोशी

सुवटियो

देवकरण जोशी 'दीपक'

सालीणौ इम्तहान

राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर'

भारत री छत्राणी

गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

भोगी अर जोगी

बिहारी शरण पारीक

लुगाई

प्रतिभा इन्दा

दो कवितावां

उपेन्द्र अणु

मंजिल

गोरधन सिंह शेखावत