चांद!

नवलख तारां बिचाळै

आकासगंगा रै मारग

तूं इण तरै झूमै

कै संसार रा सगळा

उपमान निरथम व्है जावै

थारै आगै।

स्रोत
  • पोथी : ऊरमा रा अैनांण ,
  • सिरजक : गजेन्द्र कंवर चम्पावत ,
  • संपादक : हरीश बी. शर्मा ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली ,
  • संस्करण : प्रथम
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