थूं तीस चाळीस मिनखां नै साथै लैयने

लूण री चिमठी भरते थकां

सत्याग्रह री घोषणा करी

अर् थांरो आन्दोलन इतियासू हुयग्यो।

म्हें जुगां सूं ऊभो रैयो

पाणी रै किण चुभकियै सूं

कैई हाथ अळगो

बूक माण्ड्या

साव तिरसायो

हथेळी माथै जान राख’नै

भरतो रैयो अेक अेक चळू

सत्याग्रह कांईं हुवै

म्हानै ठा नीं

पण म्हं मिनखापत री दुहाई दिन्ही

गिड़गिड़ायो

कदी जान सूं गयो

कदी पग हाथ तुड़ायो।

ढाणी-गांव सूं लैयने

महानगर तांईं

घणो लड़्यो हो

फगत समझावण सारू

कै तिस म्हानै लागै

अर् पाणी थे नीं बणायो

पछैं इतियास रै पोथां मांय

म्हारो आंदोलन नीं मण्ड्यो

ठाडा पोथा दाण्डी री महिमा गावै

ठा नीं कितरा महाड़

अजैलग पोळापोळ है

उण भींटभिरांती सूं

जिकै नै जाणै अणजाणै

म्हें छू दिन्हो

हणै ठा पड़ै

इतियासू हुवण सारू लुणास चाइजै

पाणी रो सुवाद क़द हुवै।

स्रोत
  • सिरजक : शिव बोधि ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोडी़
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