चावा कवि-कहाणीकार। राजस्थानी कविता मांय दलित-विमर्श री बात राखणिया।
आज्या फेरूँ खेलां
धनतेरस
जिंदड़ी
कितरा दिन
लुणास
मार्क्स
पूँजीवाद