थूं म्हारी देही

म्हैं थारी छींया

थूं म्हारी वाचा

म्हैं थारी मूंन

थूं धकलौ डग

म्हैं लारलौ पग

तौई हाथ पसार

थनै परसण रौ रह्यौ साबलौ

थारै लारै ठिरड़ीजतौ

वाहर रा उचारतौ फालतू सबद

बिसुरतौ रह्यौ भूंडै ढाळै

ढब जातौ

तौ व्है जातौ सांम्हेळौ

म्हारी मूंन में ही थूं!

स्रोत
  • पोथी : हिरणा! मूंन साध वन चरणा ,
  • सिरजक : चंद्रप्रकास देवल ,
  • प्रकाशक : कवि प्रकासण, बीकानेर
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