पत री

पांगळी भींता

उपर

सत री

सीळी

साख भरता

अै फूटरा मांडणा

किणी

चातर चितेरा री

निजू औळखाण

कलम-कोरणी

अर

कळा रै पाण

रूपांळी संस्क्रति

री

लूंठी पिछाण

अै

भींत चित्तराम

कळाकार री पीड़

दुनियां री भीड़

ऊंची भीतां रै नीड़

मण्ड्या हा

कदै

इण

बेसबरै

बखत री छाती ऊपरां

स्यात

सुख सांयत रो टेम

सैं रो नित नेम

आप-आप रै

हुनर री पूजा

जंगी अर

जबरी

भींता री औळ्यां

मांडतो

लीक-लीकोळ्यां

हवेली रै

दरूजां

अर

पोळां

बो चित्तेरो

उकेर न्हाख्या

किणी

चातर

पंडत री हेल

जलम कुंडळी रा

बारूं नखत्तर

महादशा

अर

अन्तर दसा रा

सैनाण

औपाईजता

अै

जबरा अैनाण

आछ्यै-बुरै बखत री

औपांण

आळां-दिवाळां

थरपीज्या

परथम

पूजनीक

आदूदेव

गणाधीस

गणेस

जूनै

जुगरै

जबरै पालणैं

झूलता

राम अर किरसण

रामायण

अर

महाभारत री

सगळी गाथा

निंवण करता माथा

गावै है हरजस

इण चित्तरामां

बैठ्या

बावळिया भगत

छळ-बळ-कोशळ रै

छाकटापै

तीनूं भुंव

नापतो

बावनियो भगवान

मरू भौम री

मांटी मांय

भींता उपरां

बड़ भागी

भागीरथ रै

भारी पुन परतापां

ल्यायीज्योड़ी

गंगा नै

जटा मांय समांवतो

शिव तणी

महिमा रो बखाण

वेद अर पुराण

बिरहण रै

परेम रो सनेसो

कोसूं-कोस

दूरां

पहुंचावती

कंवळी-कामणी

कुरजां

भंवर मिलावै

हियो सिळावै

मुधरो गावै

उडती जावै

बोदी

बिड़द बखाण तो

भोपो

झडूलां री

जट तारतो नाई

खेतरपाळ धोकता

बींद-बीनणी

गंठजोड़ां री

जात देवै

जुगत री

जापड़-थापड़

सूं

जळवा पूजती

जच्चा नैं

चतराई सूं

चुड़लो

पहरांवती

मणियारी

पाणी री

तिरस मिटांवती

पणिहारी

ज्यांरी

छिब

न्यारी

अेकूं-अेक

चित्तराम री

अणकथ

कथा नै

अन्तर कथा

बुरै बखत रै

बायरै री कोजी धिन सूं

नाक भींचतो नै

निसांसा

खींचतो

राजा नळ

काठ री खूंटी

हार निंगळगी

भूनेड़ा तीतर

रंडारू

भूख नैं

बैसग्यां

पटककर

बिया बान

बन मांय उडग्या

हाथी-घोड़ा

अर

पैदल सवार

जिण रै हाथां

भाला अर तलवार

ऊठां उपरां

मूमळ-महेन्द्रा

अर

ढ़ोला-मारवण

जैड़ी जोड़्यां

पाबूजी राठौड़

तेजा वीर नै

राम सा पीर

जैड़ी

लीली घोड़्यां

कूणां-कजूणां

मण्डीज्योड़ो

समय रै

सरगड़ै

सिरजक रो नांव

दसकत

पेमा चेजारा का

बांचै जींनै राम-राम

कुटेम री

काळी कांण

बायरै री

बोदी बांण

काळी-पीळी

आंधळी

रै

धुवां घोट साथै

सौरप सूं सिळांवती

बोछल्डी

बिरखा री

बोछाड़ां

बिगाड़ न्हाख्यो

रंग

यो कांई

ढंग?

कींकर बाजै

चंग

बिना फागण कै

बणी-ठणी रो

चित्तराम

आज कींकर उदास?

टूटी

मन री आस

आंख मांय आंसू

टप-टप झरै

घणो मुरतबी मानखो

बे मोत मरै

बापड़ो कांई करै?

खिण्डता लेवड़ा

बदळता तेवर

फाटता कलेवर

बदजात

बुरी निजरां सूं

बचावण नैं

मांडीजता

अण मोला

रतन जड़्या

सातीया

करम चानड़ै

टेम री मार

मण्डण लागग्या

कोड्यां सूं लगार

कम बखत

काळूस रै

काजळ सूं

अैंडा-बट्टी

भिड़ावतो

अैजक गारो

मिनख

होयगो है

सरण-बट्ट

कद चैत्तेलो

कांई ठा

सा?

स्रोत
  • पोथी : पांगळी पीड़ रा दो आखर ,
  • सिरजक : एस.आर. टेलर ‘सुधाकर’ / श्याम सुन्दर टेलर ,
  • प्रकाशक : बिणजारी प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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