मूं खोलतां ई
जिण रै कंठा रौ
कागलियौ झड़ै
वै हेलौ कीकर पाड़ै?
भैरूं जी वां नै पैलां बेम्मांरी देवै
पछै रिछ्या करै
तौ वै बापड़ा वीं रौ थांन क्यूं उपाड़ै?