आंख्यां रै साम्हों

आखौ संसार-बिरमांड

भविस अर वरतमान

पण

दीठ मांय फगत

थूं ही थूं

सोचूं हूं

सांच कस्यौ?

दीठ मांयलौ कै

आंख्यां साम्हलौ?

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : गीताश्री ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
जुड़्योड़ा विसै