मझ दोपारी में
किलकिलातै
तावड़ियै स्यूँ
तातै तवै सी तपती
सड़काँ पर
सिकतो सिसकतो
झुळसीजतो बिलखतो
उघाड़ो सरीर
पगाँ-ऊभाणो
भागतो-भटकतो
मिनखाचारो
ठौड़-ठौड़ टूट्योड़ो
मिनख-जमारो
थोप्योड़ी थोथी जूण रै
इण पार स्यूँ उण पार
सड़क रै नीचलै पासै स्यूं
ऊपर नै आण री धार
नीची धूण
पोची जूण रो घणी
घराय आपरी
कंवळी-कुँवारी काँधी पर
जूवो जूण रो
नसड़ी रेड़तो
हाँफतो हेरतो
पसीनै रै बैवतै बा’ळा में
डूबता चार पोर बारनै
निकळ्योड़ी जीभ स्यूं
टपकती राळाँ हाळो मूँढो ले’र
रवाना होग्यो।
माथै ऊपर लादै ज्यूँ
लद्योड़ा लोग
नित नूवों ऊगतो
अणतो बोझ लेर
चढणो सामी छाती
करड़ै चढ़ाव पर
इण जीव नै
हांकणियाँ रै हाथां में
होवै रेसमी रास
नाथ नै नचावती
लाम्बी-आली कामड़ी
कुठौड़ मारण नै होवै
औरै कन्नै ठोकरां
कामड़ी री करड़ी मार
खावतो-खावतो
रास रा लागो-लग
लागता झटकां स्यूं
छीजतै चिरीजतै
नाक स्यूँ बैवतो लोई
सींचतो रैवै
आँकस रै बीं बीज नै
बीं दिन ताँईं
जद होय घणो रिसाणो
रीस नै रसाय
माँय लै चूलै हाळी
आकरी आँच नै जीवती राख
रुखाळसी आपरो आपो
देखताँ-देखताँ
सगळी साँकळां नै तोड़
पूगसी सागी ठौड़
जठै —
ना छीजै ना चिरीजै
ईं री नाक
रास रै अणतै झटकाँ स्यूं
जठै —
कामड़ी रो कारोबार
कफना'र दफना दियो होसी।